वो जो तेरी आंखों का सुखन हैं
वो मैं नहीं कोई और है।
जिसे ढूँढती है तु मुझमे,
वो मैं नहीं कोई और है।
ए नाराजगी, ए तड़प,यु मचलना
ए सब बयां करता है
के जिसे ढूँढती है तु मुझमे,
वो मैं नहीं कोई और है।
ए बिखरी जुल्फें
ए आंखों से छलकता पानी
ए चिख-चिख के कहता है मुझसे
के जिसे ढूँढती है तु मुझमे,
वो मैं नहीं कोई और है।
तेरे मुस्कुराने की वजह
एक दफा मैं हो भी सकता हूं
मगर मिरे जाना
मोहब्बत तेरी कोई और है।
हा जिसे ढूँढती है तु मुझमे,
वो मैं नहीं कोई और है।
वो मैं नहीं कोई और है।
जिसे ढूँढती है तु मुझमे,
वो मैं नहीं कोई और है।
ए नाराजगी, ए तड़प,यु मचलना
ए सब बयां करता है
के जिसे ढूँढती है तु मुझमे,
वो मैं नहीं कोई और है।
ए बिखरी जुल्फें
ए आंखों से छलकता पानी
ए चिख-चिख के कहता है मुझसे
के जिसे ढूँढती है तु मुझमे,
वो मैं नहीं कोई और है।
तेरे मुस्कुराने की वजह
एक दफा मैं हो भी सकता हूं
मगर मिरे जाना
मोहब्बत तेरी कोई और है।
हा जिसे ढूँढती है तु मुझमे,
वो मैं नहीं कोई और है।
Very good ����
ReplyDeleteDhanywad
ReplyDeleteMahol mere bhai
ReplyDeleteDhanywad bhava
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