ये चांद और मैं अक्सर एकसाथ बैठते हैं।
ए कभी मुझे अपनी सुनाता है,
तो कभी इसे मैं अपनी बताता हूं।
मैं इससे कहता हूं के,
कितनी खुबसूरत हो तुम।
तुम किस अंदाज मैं बाते करती हो।
कितनी मासूम हो तुम,
कैसे हर छोटी सी चिज को संभालकर रखती हो।
और न जाने कितने ही किस्से सुनाता हूँ इसे तुम्हारे ।
मैं इसे हर बात बताता हूं।
ए भी मुझे सुनाता है।
इन अनगिनत सितारों की अनगिनत बातें।
मुझे अच्छा भी लगता है,
मगर क्या तुम जानती हो
मैं इससे क्या मांगा करता हूं ?
मैं कहता हूँ के,
"ए जो दिन हैं न जो मैं काट रहा हूँ,
ए फिर कभी न आए।
मैं तुम्हारी कोई बात किसी को न बताउ।
नाही उन सितारों की कहानियां सुनु।
क्योंकि मैं नहीं रहना चाहता तुमसे
बिछड़ के,
मैं तुमसे बिछड़ कर रह भी तो नहीं सकता"
बड़े मुस्कुराते हुये कटते हैं मुझसे ए दिन ।
याद रखना फिर कभी कहीं जाओ तुम
तो अपने ए किस्से भी साथ लेकर निकालना।
क्योंकि ,
अब ए मेरे अकेले के बस की बात नहीं,
अब मुझसे ए रातें कांटी नहीं जाती ।
ए कभी मुझे अपनी सुनाता है,
तो कभी इसे मैं अपनी बताता हूं।
मैं इससे कहता हूं के,
कितनी खुबसूरत हो तुम।
तुम किस अंदाज मैं बाते करती हो।
कितनी मासूम हो तुम,
कैसे हर छोटी सी चिज को संभालकर रखती हो।
और न जाने कितने ही किस्से सुनाता हूँ इसे तुम्हारे ।
मैं इसे हर बात बताता हूं।
ए भी मुझे सुनाता है।
इन अनगिनत सितारों की अनगिनत बातें।
मुझे अच्छा भी लगता है,
मगर क्या तुम जानती हो
मैं इससे क्या मांगा करता हूं ?
मैं कहता हूँ के,
"ए जो दिन हैं न जो मैं काट रहा हूँ,
ए फिर कभी न आए।
मैं तुम्हारी कोई बात किसी को न बताउ।
नाही उन सितारों की कहानियां सुनु।
क्योंकि मैं नहीं रहना चाहता तुमसे
बिछड़ के,
मैं तुमसे बिछड़ कर रह भी तो नहीं सकता"
बड़े मुस्कुराते हुये कटते हैं मुझसे ए दिन ।
याद रखना फिर कभी कहीं जाओ तुम
तो अपने ए किस्से भी साथ लेकर निकालना।
क्योंकि ,
अब ए मेरे अकेले के बस की बात नहीं,
अब मुझसे ए रातें कांटी नहीं जाती ।
ossum bruh
ReplyDeleteThank you
DeleteAwsm words
ReplyDeleteThank you
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