Sunday, December 29, 2019

सिखना जरुरी है।

                छुट्टियों में जब मैं घर गया था। एक दिन यही सोच रहा था यार जिंदगी तो सही चल रही हैं। कुछ किताबें सामने थी हाथों में मोबाइल थामे मैं युही सोच रहा था। तब पापा पुछने लगे "और बेटा कैसे गए इम्तिहान? "
मैंने पुछ लिया पापा क्या इम्तिहान इतने जरुरी है? और पापा की तरफ देखा । 
पापा थोड़ी देर तो मुझे देखने लगे। मैंने तो सोच लिया था अब कम से कम 10-15 थप्पड़ तो पड़ ने वाले हैं। पर पापा ने तभी कहा ,नहीं ! मैंने चौक कर पापा की तरफ देखा क्या कहा? पापा सचमुच इम्तिहान देना जरूरी नहीं? 
"हां ! जरुरी नहीं। "
मैं सोच ने लगा था ए कैसै हो सकता है ? मैंने तो ए सोचा भी नहीं था। तब पापा ने कहा, 
                       जानते हो मैं जब छोटा था न मैं बहोत पढ़ना चाहता था । मगर हालात कुछ ऐसे थे के मुझे पढ़ाई छोड़नी पड़ी। मैंने पढ़ना छोड़ दिया मगर बस इम्तिहान की किताबों को पढ़ना छोड़ दिया था। 
                                मैं अपनी पूरी जिंदगी सिखते आया हूं। मैंने सिखा हैं जब हम खाली पेट हो और दोस्त खाने को पूछे तो उसे कहेना "भाई ! मैं तो खाना खाकर आया था।, यार आज भूक नही है। "
                           जब अपने जेब मैं पैसे न हो तो हर सस्ती चीज को महंगा कैसे माना जाता है। कल मैथी 10रुपये किलो थी पर जेब मे बस 8रुपये थे तो मैथी महंगी थी पर आज मैथी 20रु  किलो. है और जेब में 40रुपए है तो मैथी सस्ती है। मैं ने ये जाना है ये सिखा है। 
                              हा ! इम्तिहान देना जरुरी नहीं। मगर जरुरी है पढना, सिखना, ख्वाब देखना, जिंदगी को खुलकर जीना बहोत जरुरी हैं । हा इम्तिहान देना जरुरी नहीं। हर रोज़ करोड़ों ख्वाब देखे जाते हैं व्यक्ति कोई भी ख्वाब जरुर देखता है, मगर उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत हर कोई नहीं करता। और मैं ए दावे के साथ कह सकता हूँ के जो मेहनत करता है उसे सफलता अवश्य मिलती है। 
                                         मैंने तेरे लिए सोचा था। जो मुझे नहीं मिला मैं ओ सब अपने बेटे को दूंगा । मेरा बस यही ख्वाब था। 
               अब ये तेरा फर्ज है, के जो मैं तुझे नही दे सका ओ सब तु अपने बेटे को देगा। ए मत सोच तेरे पास क्या है, तुझे करना क्या हैं, तुझे बस ए ध्यान रखना है के "मुझे किसी ने कुछ दिया है जो मुझे सुद समेत लौटाना हैं। "और रही बात लोगों की तो मैं बस हरबार यही गाता आया हूँ , 
                     "होंगे राजे राजकुंवर ,
                      हम बिगड़े दिल शहजादे।
                      हम सिंघासन पर जा बैठे ,
                      जब-जब करे इरादे ।"
जिंदगी इतनी छोटी है के आंखें झपकने से खुल ने तक उम्र बीत जाती हैं। तुम ख्वाबों को जिंदा रखना सिखो 100 साल नही जीना मगर 100साल तक अपना नाम अमर कर दो ।
किताब के आखरी पन्ने पर भी गर तुम्हारा नाम आता है तो मैं खुश हूं क्योंकि किताबें कभी मरा नहीं करती । हा बेटा ! इम्तिहान देना जरुरी नहीं।  मगर तुम्हारा सिखना जरुरी है। 

                 

Monday, March 4, 2019

क्या सचमुच वो मेघना हो तुम?

क्या सचमुच वो मेघना हो तुम? 

लबालब भरा जिसमे अमृत रस हो
जो वर्षा करे प्रेम रस की
क्या सचमुच वो मेघना हो तुम?
आकाश का जो श्रृंगार है
जो प्रेमी की पुकार है
मेघ की गर्जना में दामिनी के साथ जो
भरदे समुंद्र तट को
क्या सचमुच वो मेघना हो तुम?
जो हर पायल को छनका दे
जो माती को महेका दे
जो मुग्ध कर दे मयूर को नृत्य पे
क्या सचमुच वो मेघना हो तुम?

Friday, February 22, 2019

मला तुला काहितरी सांगायचंय

मला तुला काहितरी सांगायचंय
अग कंटाळा येतो या जगात
मला तुझ्या ह्रदयात रहायचंय
या चंद्राला सांगा कुणी
मला त्याच्या ऐवजी पण तुलाच पहायचंय
मी कुठलाही सरकारी कागद घेतल नाही
मला माझ्या ओठा वर तुझ्या ओठांचं ठसा घयायचंय
अरे ऐक न !....
मला खरच तुला काहितरी सांगायचंय
किती रेशमी केश आहे ग तुझे
मला रोज यांच्याशींच खेळायचंय
अरे ये न ग मला 
प्रेमात प्रेमान प्रेमालाच प्रेमा विषयी सांगायचंय

अब हर घर से एक भगतसिंग आएगा

अब हर घर से एक भगतसिंग आएगा

फिर एक बिस्मिल उठेगा
फिर एक अश्फाक इंकलाब गायेगा
बड़ गए है दुश्मन मेरे हिंदुस्तान के
अब हर घर से एक भगतसिंग आएगा
चंद्रशेखर की आझादी अब हिंदुस्तान दोहरायेगा
खुन बहाया वतन का हमारे
अब खुन का बदला खून से लिया जायेगा
भाग सको तो भागो दुश्मन
अब हर घर से एक भगतसिंग आएगा
तुमने 20 मारे थे तुम्हारे सौ लेटे है
काफिरों याद रखना हिंदुस्तान के घर-घर में
वतन पर मरने-मारने वाले बेटे है
यहा चूडिय़ाें की खनखनाहट भी आझादी ही गाती है
एक मज़हब हो जाते हैं हम हिंदुस्तानी
जब बात हमारे वतन की आती है
तुमने सिर्फ हवा का छोटा झोका देखा है
अब ए हिंदुस्तान तुम हैं खुन का सैलाब दिखाएगा
मेरे वतन की मिट्टी की कसम अब चुन-चुन कर तुमसे बदला लिया जाएगा
ये वादा हैं एक हिंदुस्तानी का अब हर घर से एक भगतसिंग आएगा